Sunday, December 16, 2007

Isiliye mujhe zinda hi maar gaye

Dilon se khelne ka hunar hume nahi aata

Isiliye ishq ki baazi hum haar gaye

Meri zindagi se shayad unhe bahut pyar tha

Isiliye mujhe zinda hi maar gaye

Sunday, November 4, 2007

हौसले कहाँ से आए है बिन तेरे जीने के....

हौसले कहाँ से आए है बिन तेरे जीने के,
कोई चुराके ले गया है सारे समान मेरे जीने के,

आए है कुछ फरिश्ते मुझे लेने यूँ,
केहते है बाक़ी बचे है चँद लम्हे मेरे जीने के,

कुछ ना माँगु मैं कुछ ना दे तू मुझे,
बस गुज़ार ले ये कुछ पल मेरे साथ मेरे जीने के,

उसकी बाहों में दम निकले हसरत है,
यूँ छू गया है वो जस्बात मेरे जीने के,

लड़ रही हूँ अपनी ही साँसों से,
मर गये हैं सारे एहसास मेरे जीने के,

खुल के हँस लूँ में आज ये तम्मना है,
दे दे कोई दर्द पुराने मेरे जीने के,

यूँ तो इन रास्तों से गुज़री हूँ मैं कई बार लेकिन,
कौन मिटाए इन पे पड़ गये हैं जो निशान मेरे जीने के,

बनके नासूर मज़ा देंगे मुझको यक़ीन है इन पर,
आके अपना मेरा कोई कुरेदे तो ज़ख़्म मेरे जीने के,

जाने क्या सोच के वो भीगा है अश्कों में,
रोता है उन पर बचे है जो पल मेरे जीने के.

Tuesday, October 30, 2007

Thaam K Haath Main Phool Tumko Aana Hoga

Ab Aansuoon Ko Aankhon Main Sajaana Hoga
Chiraagh Bhuj Gai Khud Ko Jalaana Hoga

Na Samjhna K Tumse Bicharh K Khush Hain
Humain Logon Ki Khaatir Muskuraana Hoga

Phir Shaam Dhal Gai Tum Aaiee Na Aaj Bhi
Dil Ko Aaj Phir Umeedoon Se Behlaana Hoga

Waada Khilaafi Kar K Muskurate Ho Aap
Dekhna Aik Din Sanam Aapko Pashtaana Hoga

Lahoo Se Apne Kafan Pe Tera Naam Likh Jaounga
Thaam K Haath Main Phool Tumko Aana Hoga

Abhi Se Na Kejiyai Takaaz-E-Masroofiat K Aap
Abhi Utthna Hai Janaza Kaandha To Daina Hoga

Muddaton Kiya Hai Tera Intizaar Aai Sanam
Umar Kat Chuki Ab To Jaana Hoga

ek naadaani karke hum bahut roye.

ek naadaani karke hum bahut roye,
haan,teri arzoo karke hum bahut roye,

kya kya sapne sajaye they pyar ke,
unhe choor hota dekh hum bahut roye,

jo maanga humne woh na mila kabhi,
apne muqaddar pe yaaron hum bahut roye,

yaad aate ho shab-o-roz hamain,
tumhe yaad karke hum bahut roye,

ujadgaya aashiyana yeh pyar ka,
apni bebasi par hardum hum bahut roye.

Wednesday, August 8, 2007

Unhone Apna Kabhi Bnaya Hi Nhi

Unhone Apna Kabhi Bnaya Hi Nhi, Jootha Hi Sahi Pyar Dikhaya Hi Nhi.
Galtiyan Apni Hum Maan B Jaate, Par Kya Kare Kasoor Hmara Hume Btaya Hi Nhi.
Hazaro Jhopdiya Jalkar Rakh Hoti Hai, Tab Jakar Kahi 1 Mahal Banta Hai.
Aashiqo Ke Marne Pe Kfan Bhi Nhi Milta,Or Hasinao Ke Marne Pe Tajmahal Bnta Hai.

Tuesday, July 24, 2007

फूलो से कह दो महकना बंद कर दे

फूलो से कह दो महकना बंद कर दे, की उनकी महक की कोई जरूरत नही....
सितारो से कह दो चमकना बंद कर दे, की उनकी चमक की कोई जरूरत नही....
भवरो से कह दो अब ना गुनगुनाये, की उनकी गुंजन की कोई जरुरत नही....
सागर की लहरे चाहे तो थम जाये, की उनकी भी कोई जरुरत नही....
सुरज चाहे तो ना आये बाहर्, की उसकी किरणो की भी जरुरत नही....
चाँद चाहे तो ना चमके रात भर, की उसके आने की भी जरुरत नही....
वो जो आ गये हैं इस जहाँ में, तो दुनिया मे और किसी खूबसूरती की जरुरत ही नही ...

Thursday, July 5, 2007

क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता

क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता

कोई सह लेता है कोई कह लेता है
क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता

आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता

क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता

कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता!!! keep smiling

Tuesday, April 10, 2007

Dil ke zakhmon ko unse chupana pada

Dil ke zakhmon ko unse chupana pada,
Palke bheegi thi par muskurana pada,
kaise ulte hai yeh mohabbat k riwaj,
rutna to chate the..par unko manana pada....


Dil-e-aarzoo ne hame diwana bana diya,
Roye the na kabhi par tune rula diya,
tumhe hamari yaad na ayi hoge bhule se kabhi..
Humne teri yaad mein zamana bhula diya


tanhayi jab muqaddar me likhi thi,
to kya shikayat apne-begane se..
hum mit gaye JINKI chahat mein..
woh Baaz nahi aate hame aazmane se....



CHAND utra tha hamare aangan mein,
par taaron ko yeh gawara na tha..
hum to kar dete taaron se bagawat..
par kya kare WOH CHAND HI hamara na tha...


Apni mohabbat ki itnisi kahani hai,
tuti hui kashti aur thehra hua pani hai..
ek phool kitabon me dum chuka hai,
magar bhul nahi pate yeh kiski nishani hai..

Sunday, March 25, 2007

मैं ज़िंदा हूँ अभी

किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

मुझ को एहसास दिला दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

मेरे रुकने से मेरी साँसे भी रुक जायेंग

ीफ़ासले और बड़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

ज़हर पीने की तो आदत थी ज़मानेवालो

अब कोई और दवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

चलती राहों में यूँ ही आँख लगी है 'फ़ाकिर'

भीड़ लोगों की हटा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

BAAT TAB KI HAI

BAAT TAB KI HAI

JAB HUSN PARDE ME RAHA KARTA THA

OR ISHQ USE DEKHNE K LIYE

KHUDA SE FARIYAAD KARTA THA KI

"E KHUDA HAWA KA EK JHOKA AAYE OR VO BENAKAB HO JAYE".

EK DIN ISHQ CHAL BASA

OR HUSN USKI KABRA PE PHOOL CHADANE JAISE HI GAYI

JAISE HI HUSN JHUKA HAWA KA JHOKA AAYA

OR HUSN BENAKAAB HO GAYA

TABHI KABRA SE AAWAJ AAYI KI

"E KHUDA YE TERI KAISI KHUDAI AAJ HUM PARDE ME HAI OR VO BENAKAAB AAYE"

Wednesday, January 10, 2007

किसी के इतने पास न जा

किसी के इतने पास न जा
के दूर जाना खौफ़ बन जाये
एक कदम पीछे देखने पर
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये

किसी को इतना अपना न बना
कि उसे खोने का डर लगा रहे
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये
तु पल पल खुद को ही खोने लगे

किसी के इतने सपने न देख
के काली रात भी रन्गीली लगे
आन्ख खुले तो बर्दाश्त न हो
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे

किसी को इतना प्यार न कर
के बैठे बैठे आन्ख नम हो जाये
उसे गर मिले एक दर्द
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये

किसी के बारे मे इतना न सोच
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये
भीड के बीच भी
लगे तन्हाई से जकडे गये

किसी को इतना याद न कर
कि जहा देखो वोही नज़र आये
राह देख देख कर कही ऐसा न हो
जिन्दगी पीछे छूट जाये

ऐसा सोच कर अकेले न रहना,
किसी के पास जाने से न डरना